सोमवती अमावस्या की कथा व महत्व
Somvati Amavsya Story and Importance
महत्व
सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते है। यह अमावस्या हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखती है। इस दिन सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु कामना के लिए व्रत रखने का विधान है। इस दिन मौन व्रत रहने से सहस्र गोदान का फल प्राप्त होता है, ऐसा पुराणों में वर्णित है।
विशेष कर सोमवार को भगवान शिवजी का दिन माना जाता है। इसलिए सोमवती अमावस्या पर शिवजी की आराधना, पूजन-अर्चना उन्हीं को समर्पित होती है। इसीलिए सुहागन महिलाएं पति की दीर्घायु की कामना करते हुए पीपल के वृक्ष में शिवजी का वास मानकर उसकी पूजा और परिक्रमा करती हैं।
पुराणों के अनुसार सोमवती अमावस्या पर स्नान-दान करने की भी परंपरा है। वैसे तो इस दिन गंगा-स्नान का विशिष्ट महत्व माना गया है, परंतु जो लोग गंगा स्नान करने नहीं जा पाते, वे किसी भी नदी या सरोवर तट आदि में स्नान कर सकते हैं तथा शिव-पार्वती और तुलसीजी का पूजन कर सोमवती अमावस्या का लाभ उठा सकते हैं।
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